Nimbark Sampraday
श्री महावाणी जी PDF File || हिन्दी अर्थ सहित
श्री महावाणी जी PDF File || हिन्दी अर्थ सहित
श्री महावाणी श्री हरिव्यास देवाचार्य द्वारा लिखित है, जो श्री भट्ट देवाचार्य के शिष्य, (निम्बार्क सम्प्रदाय से) एवं वृंदावन के रसिक संत थे। यह वृंदावन रसोपासना के महान ग्रंथों में से एक है। मुख्ता इस ग्रन्थ में श्रृंगार रस की पराकाष्ठा है। इसके पाँच अध्याय हैं:
सेवा सुख,
उत्सव सुख,
सूरत सुख,
सहज सुख और
सिद्धान्त सुख।
लेखक: श्री हरिव्यास देवाचार्य
जय जय श्री राधे
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