Harivanshi Sampraday
श्री हरिराम व्यास जी की वाणी PD FFile || हिन्दी अर्थ सहित
श्री हरिराम व्यास जी की वाणी PDF File || हिन्दी अर्थ सहित
प्रकाशकीय रसिक सन्त श्रीहितध्रुवदासजी की सुप्रसिद्ध कृति 'बयालीसलीला' को भावानुवाद सहित प्रकाशित करने के कुछ ही समय पश्चात् यह व्यास वाणी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। इसका प्रथग प्रकाशन ई.स. १९३५ में श्रीहित राधावल्लभीय वैष्णव महासभा द्वारा हुआ था। इसके उपरान्त कुछ अन्य संस्करण भी प्रकाशित हुए। इन सभी संस्करणों में पाठ-भेद सम्बन्धी अनेक मतभेद पाये जाते हैं। यहीं हम यह स्पष्ट कर देना चाहते है कि कुछ बहुचर्चित विवादित पाठ भेदों में हमारा प्रयास श्री व्यास वाणी की प्राचीनतम हस्तलिखित प्रतियों के आधार पर पाठकों के समक्ष वस्तुस्थिति रखने का है न कि गत विशेष के पोषण का। श्रीव्यास वाणी के पश्चात् श्री रसिक पदरेणु जी महाराज द्वारा बृहद रूप में लिखे जा रहे श्रीहित हरिवंश चरित्र को हम यथा समय पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। श्री जगदीश शरण जी ने इस वाणी की प्रूफ रीडिंग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है एतदर्थ हम उनके आभारी है। राधा प्रेस के संचालक श्री व्यासनन्दन शर्मा का सहयोग प्रशंसनीय है।
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